Shodashi Secrets

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Neighborhood feasts Enjoy a major role in these functions, where devotees come with each other to share meals That always involve traditional dishes. These foods rejoice the two the spiritual and cultural aspects of the Competition, enhancing communal harmony.

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

Shodashi’s mantra boosts devotion and religion, supporting devotees build a further connection to the divine. This benefit instills belief within the divine system, guiding individuals as a result of difficulties with grace, resilience, and a sense of intent inside their spiritual journey.

The Sri Chakra is really a diagram fashioned from 9 triangles that encompass and emit out on the central place.

When Lord Shiva read about the demise of his wife, he couldn’t control his anger, and he beheaded Sati’s father. Even now, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s existence and bestowed him by using a click here goat’s head.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥

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